Sunday, September 12, 2010

जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, दोस्ती में..

येह तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज..
दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, दोस्ती में..

नाम की तो जरूरत हई नहीं पडती इस रिश्ते मे कभी..
पूछे नाम अपना ओर, दोस्तॊं का बताते हैं, दोस्ती में..

कौन केहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी..
दूर रेह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं, दोस्ती में..

सिर्फ़ भ्रम हे कि दोस्त होते ह अलग-अलग..
दर्द हो इनको ओर, आंसू उनके आते हैं , दोस्ती में..

माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये "अभी"
पर हम तो अपना सिर झुकाते हैं, दोस्ती में..

ओर एक ही दवा है गम की दुनिया में क्युकि..
भूल के सारे गम, दोस्तों के साथ मुस्कुराते हैं, दोस्ती में

दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का..
बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में.

2 comments:

Rajani said...

तुम्हारे पाँवों के नीचे कोई जमीन नहीं
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं |

मैं बेपनाह अँधेरों को सुबह कैसे कहूँ
मैं इन नज़ारों का अंधा तमाशबीन नहीं |

तेरी ज़ुबान है झूठी जम्हूरियत की तरह
तू इक जलील-सी गाली से बेहतरीन नहीं |

तुम्हीं से प्यार जताएँ तुम्ही को खा जाएँ
अदीब यों तो सियासी है पर कमीन नही |

तुझे कसम है खुदी को बहुत हलाक़ न कर
तू इस मशीन क पुर्ज़ा है,तू मशीन नहीं |

बहुत मशहूर है आएँ जरूर आप यहाँ
ये मुल्क देखने लायक तो है, हसीन नहीं |

जरा सा तौर-तरीकों में हेर-फेर करो
तुम्हारे हाथ में कालर हो आस्तीन नहीं

Rajani said...

दोस्ती

कभी दोस्ती पे , कभी दोस्त पे कुर्बान होते है
ये दोस्त ही तो हमारी ज़िन्दगी की जान होते है

बहुत से हंसते खिलखिलाते, लम्हे है इनके नाम,
इन्ही से तो ज़िन्दगी के रास्ते आसान होते है

हमारे गम में होते है, बराबर के शरीक ये,
इनके ही तो सहारे पार गमो के तूफ़ान होते है

वो रात भर बाते, वो दिन भर शरारते करना ,
दिल की दस्तक पे ये किस्से तमाम होते है

इनके साथ ही होती है महफिले रोशन,
वरना मुस्कराहट के फूल भी बेजान होते है

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